संकट के समय धीरज रखना तथा बच्चों का सहारा
बनना मैने जब भाईजी को लेकर अमेरिका गये थे तब
भाभीजी से सीखा। उस परिस्थिती में भी वे हमें हमेशा
सातवना देती रहती थीं। पिछले साल जिस कठिन परिस्थिति
से मैं और मेरा परिवार गुजरा उस समय उन्हों क्षणों
को याद करके मैं अपने को तथा अपने बच्चें को
सभालने में समर्थ हो सकी और बच्चों को जीवन में
आगे बढते रहने के लिए प्रोत्साहित कर सकी।
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